
फरीदाबाद | हिन्दी को संविधान में देश की राजभाषा का दर्ज़ा दिया गया है और वर्ष 1949 में 14 सितम्बर के दिन
ही संविधान सभा ने संघ की राजभाषा के रूप में हिन्दी को स्वीकार किया था। जिसके चलते कार्यालयों
में अधिक-से-अधिक कार्य हिन्दी में होने के लिए सरकार की ओर से समय-समय पर लक्ष्य व निर्देश
जारी होते रहते हैं। कार्मिकों को हिन्दी में कार्य करने के लिए सहजता लगे इस बात को ध्यान में रखते
हुए संसदीय राजभाषा समिति ने राष्ट्रपति को दी अपने चौथे खंड की रिपोर्ट में कार्मिकों के लिए हिन्दी
कार्यशाला आयोजित करने के लिए सिफारिश की थी। तब से केंद्र सरकार के कार्यालयों में हिन्दी
कार्यशाला करने के निर्देश जारी हैं। प्रत्येक वर्ष में इस प्रकार की चार कार्यशालाएं की जाती हैं। इन
कार्यशालाओं में उन कार्मिकों को प्रशिक्षण दिया जाता है जिन्हें हिन्दी का कार्यसाधक ज्ञान है और ऐसे
कार्मिक इस प्रकार की कार्यशाला में हिन्दी में कार्य करने का अभ्यास करते हैं जिससे वे अपने दैनिक
कार्यालयी कार्य में हिन्दी में कार्य करने में सहजता महसूस करें।
इस कड़ी में कर्मचारी राज्य बीमा निगम के क्षेत्रीय कार्यालय फरीदाबाद में एक दिवसीय हिन्दी कार्यशाला
का आयोजन किया जिसमें बड़ी संख्या में प्रतिभागियों ने भाग लिया । कार्यशाला का उद्घाटन संयुक्त
निदेशक सह क्षेत्रीय निदेशक (प्रभारी) श्री सुगन लाल मीना ने किया। श्री सुगन लाल मीना क्षेत्रीय
निदेशक प्रभारी , श्री त्रिरत्न उपनिदेशक राजभाषा, श्री बृजेश मिश्रा सहायक निदेशक राजभाषा, श्री शिव
शक्ति शर्मा उप निदेशक ने व्याख्यान दिए और विविध विषयों जैसे देवनागरी लिपि का मानकीकरण, संघ
की राजभाषा नीति, सूचना का अधिकार, राजस्व आंकलन तथा वसूली जैसे विषयों पर व्याख्यान हुए।
कर्मचारियों ने इस कार्यशाला के बाद स्वयं को हिन्दी में कार्य करने के लिए और सशक्त पाया।
कर्मचारी राज्य बीमा निगम एक सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने वाली संस्था है जो संगठित क्षेत्र के
कामगारों को चिकित्सा हितलाभ, मातृत्व हितलाभ, स्थायी तथा अस्थायी अपंगता हितलाभ, आश्रित
हितलाभ तथा बेरोज़गारी भत्ता जैसे कई हितलाभ देने का कार्य करता है।