
भक्ति, प्रेम एवं अलौकिक आनंद का अनूठा संगम
55वाँ महाराष्ट्र वार्षिक निरंकारी संत समागम
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मुम्बई । निरंकारी सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज की पावन अध्यक्षता में महाराष्ट्र का 55वां वार्षिक निरंकारी सन्त समागम दिनांक 11, 12 एवं 13 फरवरी, 2022 को वर्चुअल रूप में आयोजित किया जायेगा। जिसका भरपूर आनंद विष्वभर के सभी श्रद्धालु भक्त, घर बैठे आनलाईन माध्यम द्वारा प्राप्त करेंगे।
प्रति वर्ष नववर्ष के आगमन से ही संपूर्ण महाराष्ट्र के साथ-साथ विश्वभर के समस्त श्रद्धालुओं को इस भक्ति, प्रेम एवं अलौकिक आनंद की अनुभूति प्रदान करवाने वाले समागम की प्रतीक्षा रहती है; जिसमें विभिन्न संस्कृतियों एवं सभ्यताओं का अद्भूत संगम देखने को मिलता है जो अपनी बहुरंगी छठा द्वारा अनेकता में एकता का चित्रण प्रदर्षित करते हुए विश्वबन्धुत्व की भावना को दर्शाता है। इस वर्ष महाराष्ट्र के संपूर्ण समागम का सीधा प्रसारण पहली बार मिशन की वेबसाईट पर सांय 05.00 बजे से रात्रि 09.30 बजे तक एवं साधना टी.वी. चैनल पर सांय 06.00 बजे से रात्रि 09.30 बजे प्रसारित किया जायेगा। इस सूचना से समस्त साध संगत में हर्षाेल्लास का वातावरण है। इस वर्ष समागम का विषय ‘विश्वास, भक्ति, आनंन्द’ है। भक्ति का तात्पर्य है – जब हम इस निरंकार की पहचान करके जीवन में इसे अपना आधार बना लेते हैं और इससे इकमिक हो जाते है तब जीवन वास्तविक रूप में भक्तिमय हो जाता है। उसके पष्चात् विष्वास, भक्ति को और सुदृढ बनाता है। तदोपरान्त ऐसी अवस्था जीवन में आ जाती है जब आनंद एवं सुख की अनुभूति स्वतः ही प्राप्त हो जाती है। फिर सभी में इस एक प्रभु का ही दर्शन होता है और सबके लिए हृदय में केवल कल्याण की ही भावना उत्पन्न होती है। अतः हम यह कह सकते है कि ‘विश्वास, भक्ति, आनंन्द’ वास्तविक रूप में आध्यात्मिकता के तीनों आयाम है जिनको अपनाकर मनुश्य स्वयं का तो कल्याण करता ही है अपितु औरों के लिए भी प्रेरणा का स्त्रोत बनता है। यहीं इस समागम का उद्देश्य भी है।
वैश्विक महामारी कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए समागम सेवाओं में संलग्न एवं सम्मिलित होने वाले सभी प्रतिभागियों की कोविड जाँच भी कराई जा रही है। उनके लिए कोविड-19 के दो बार का टीकाकरण भी अनिवार्य किया गया है। इसके अतिरिक्त थर्मल स्क्रीनिंग, मास्क, सेनेटाइजेशन एवं सोशल डिसटेंनसिंग का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है।