
देश भर आए समाज के लोगों और सभी दलों के नेताओं ,किसानों के प्रतिनिधियों का विजय प्रताप ने आभार प्रकट
फरीदाबाद, । 1200 साल पुराने एतिहासिक गांव अनंगपुर और 50 साल पुराने शिव दुर्गा विहार नेहरू कॉलोनी राहुल कॉलोनी समेत रिहायशी क्षेत्रों की उजडऩे से बचाने के लिए सूरजकुण्ड गोल चक्कर पर राष्ट्र स्तरीय सर्व समाज 36 बिरादरी की महापंचायत में देश भर से आए समाज के लोगों , सभी दलों के नेताओं के साथ साथ देश की सभी किसान यूनियन ,52 पालों की सरदारी जमकर हूंकार भरी। किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश टिकै त, किसान नेता गुरूनाम चंढूनी, रोहतक से सांसद दीपेन्द्र सिंह हुडडा, पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ,सी डब्ल्यू सी के सदस्य गुरदीप सप्पल, कैराना से सांसद इकरा हसन गुर्जर , सोनीपत्त से सांसद सतपाल ब्रहमचारी, कुंवर प्रणव चैंपियन, प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जितेन्द्र भारद्वाज, पूर्व मंत्री गीता भुक्कल ्वरिष्ठ कांग्रेसी नेता जितेन्द्र बघेल, पूर्व मंत्री करण सिंह दलाल, पूर्व मंत्री आफताब खान , विधायक इजराइल, ग्वालियर से विधायक साहिब सिंह गुर्जर , मुरैना से विधायक दिनेश गुर्जर , नदवई जोगिन्द्र अवाना, एन एस यू आई के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरूण चौधरी , विधायक अतुल प्रधान ,रघूराज सिंह, कांग्रेसी नेता चत्तर सिंह ,पूर्व सांसद अवतार सिंह भड़ाना, मुखिया गुर्जर, राजस्थान के प्रहलाद गुंजल ,किसान नेता गुरूनाम चंढूनी, विधायक रघूबीर तेवतिया, विधायक ब्रहम सिंह तंवर, पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ आप नेता सौरभ भारद्वाज ,पूर्व विधायक नीरज शर्मा, पूर्व विधायक अर्जुन सिंह ,किरोड़ीमल बैंसला के सुपुत्र विजय बैंसला ,सैयद मसूद, किन्नर समाज सहित हजारों लोगों ने समर्थन दिया। महापंचायत की अध्यक्षता विभिन्न 52 पालों के सरदारी अरूण जेलदार , 360 पाल के सरदारी सुरेन्द्र सोलंकी ने की। महापंचायत अंनगपुर संघर्ष समिति के अध्यक्ष अत्तर सिंह के सानिध्य में हुई । महापंचायत मंच संचालन विजय प्रताप ने किया।
किसान यूनियन के अध्यक्ष राकेश टिकैत ने कहा कि उजडऩे से बचने के लिए एकजुट होकर लड़ाई लड़े। उन्होनें ताजुब्ब किया कि गांव बुलडोजर चल गया लेकिन कोई अप्रिय घटना नहीं हुई। एक गांव नहीं टूट दूसरे गांव भी तोड़े जाएगे। बुलडोजर के आगे लेटना पड़ेगा। संघर्ष तेज करना पड़ेगा। सरकार आसानी से झुकने वाली नहीं है। कानूनी लड़ाई लड़े, संसद में सांसद मामले को उठाए। छत्तीसगढ़ में आदिवासियों के आंदोलन की चर्चा की। कुछ बिरादरियों पर सरकार का एजेण्डा चल रहा है। एजेण्डा यह है कि जाटों को भाजपा में शामिल कर लो, अकेला गुर्जर आंदोलन करेगा, यहां तो सभी वर्ग एक होकर अपने आशियाने बचा रहे हैं । सरकार चाहती हैं कि पांच किलो अनाज के बदले इनकी जमीन हड़प ले , लेकिन सभी एकजूटता के चलते इनके मंसूबे पुरे नहीं होगे। आपके संघर्ष में हम आपका समर्थन करते हैं जहां जरूरत हो हमे बुला लो।
रोहतक से सांसद दीपेन्द्र सिंह हुडडा ने अपना समर्थन देते हुए कहा कि पंचायत के सभी निर्णय होने मान्य होगे वह कंधे से कंधा मिला कर साथ देगे। न्याय की लड़ाई में हम आपके साथ हैं आज आशियाने क्यों उजाड़े जा रहे हैं इसलिए उजाड़े जा रहे क्योंकि पंूजीपतियों के इशारे सरकार नीतियां बना रही है। जिस सरकार ने एयरर्पोट , बंदरगाह , सरकारी सम्पति के सोत्र नहीं बचा जो बड़े उद्योगपतियों के हाथ में देने की नीति न बनी अब बड़े उद्योगपतियों की नजर अरावली की श्रृंखलाओं पर है। वह इनको भी बेचना चाहते हैं प्रशन यह नहीं है सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में सही तरीके पैरवी क्यों नहीं की। सरकार की नीयत पर आता है किस नीयत से सही पैरवी नहीं की। कुछ लोगों ने इस संघर्ष को जाति विशेष की लड़ाई बनाने का प्रयास किया । उन लोगों को मैं बताना चाहता हूं यह एक समाज की नहीं है यह किसान मजदूर और अन्याय के खिलाफ लडऩे की लड़ाई है। लेकिन सरकार को जो करना होता है उसके लिए रास्ता निकालती है सरकार को आज इस मामले में रास्ता निकालना पड़ेगा क्योंकि मैंने संसद में बहुत कानूनों को बनते बिगड़ते देखा है। यह लड़ाई संसद , विधानसभा में लड़ी जाएगी। सरकार को समय सीमा दी जाए। समय सीमा के तहत संघर्ष हो। अगर आर्डिनेस लाना है विधानसभा में समय सीमा में है। विपक्ष को भी समय सीमा दी जाए। संविधान में जितना महत्च पक्ष है उतना महत्व विपक्ष को भी दिया गया है। हरियाणा में टक्कर का विपक्ष है लोकसभा में कांग्रेस पार्टी 20 प्रतिशत वोट अधिक मिला। शाम दाम दण्ड भेद का सहारा लेकर प्रदेश में सरकार बना ली। बराबर की टक्कर की वोट हमें मिली है सरकार आपके साथ अन्याय करेगी तो 37 विधायक और लोकसभा में हमारे सांसद आपकी लड़ाई लड़ेगे।
पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने समर्थन देते हुए कहा कि पर्यावरण मंत्रालय में सरकार शामिल हैं वन विभाग गरीब कमेरे वर्ग के खिलाफ कार्रवाई करता है वह किसी से छुपा नहीं हुआ है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश नहीं है कि आबादी में तोडफ़ोड़ की कार्रवाई की जाए ,गरीबों के मकान जो सालों से बसे हैं उनको उजाड़ दो । आज जिस तरीके से कार्रवाई की गई वह साफ दर्शता है कि कुछ चुनींदा साहूकारों को लाभ दिलवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश की आड़ में कार्रवाई की गई है। हमारे संगठन का एक एक कार्यकर्ता आप का सहयोग करेगा। आग यहां लगेगी तो भाजपा सरकार दिल्ली में इसका लाभ लेगी। सब मिल कर हर उस मंच तक लेकर जाए ताकि इस तरह की कार्रवाई न कर पाएं अब बुलडोजर चले तो हमें बुला लेना आपका हम समर्थन करता हूं । सांसद इकरा हसन गुर्जर ने समर्थन देते हुए कहा कि आपकी बेटी संघर्ष में आपके साथ हैं संसद से सडक़ आपके सघंर्ष साथ हूं। आपकी बेटी हूं जहां जरूरत पड़े हम आपका समर्थन करते हैं।
वहीं अंनगपुर संघर्ष समिति के एडवाइजर विजय प्रताप ने एतिहासिक गांव अनंगपुर, 50 सालों से बसी शिवदुर्गा विहार, नहेरू कालोनी विभिन्न कालोनियों को बचाने के लिए सर्व समाज की महापंचायत में देश भर आए हजारों समाज के लोगों ,सभी दलों के नेताओं का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि विपदा की घड़ी में देश भर का समाज उमड़ कर महापंचायत में आया है वहीं सभी दलों के नेताओं के वह आभारी हैं , फॉरेस्ट (वन) क्षेत्र के नाम पर उजडऩे के लिए तैयार लगभग 50,000 से अधिक आबादी और 50000 से अधिक फार्म हाऊस, बैंकट हॉलों में माली, गार्ड ,स्वीपर, इलैक्ट्रिशियन,हलवाई, डिजाइनर, डैकोरेटर ,इवैंट करने वाले लोग प्रभावित हो रहे हैं। वन विभाग ने नियमों के विपरित कार्य कर करीब एक लाख लोगों को उजाडऩे तैयारी करवा दी है। वन विभाग के अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट में सही तथ्य नहीं रखे और जनप्रतिनिधियों ने लापरवाही बरती ,यहां तक की विधायक ने विधानसभा में पर्वत श्रृंखलाओं में बने फार्म हाऊसों और कालोनियों को अवैध करार देते हुए इनका सफाया करने की मांग कर डाली। हजारों लोगों को रोजी रोटी देने वाले आधे आधे एकड़ के फार्म अवैध नहीं है। लोगों की मलकियत में ऐसे फार्म बने हैं जिन्हें अवैध बताया जा रहा है। वहीं महापंचायत के अध्यक्ष अरूण जेलदार , सुरेन्द्र सोलंकी सहित अनेक मौजिज लोगों ने महापंचायत में निर्णय लेते हुए कहा कि सरकार तोडफ़ोड़ की कार्रवाई रोक लगाए। टूटे हुए निर्माणों का सरकार मुआवजा दे, 4500 एकड़ पहाड़ में से 2 हजार एकड़ पीएलपीए फोरस्ट में देकर 2500 एकड़ जमीन जोकि ग्रामीणों की है वह गांव के लोगों के इस्तमाल के लिए छोड़ी जाए। उस पर से पीएलपीए फोरस्ट हटे ,सरकार आर्डिनेस लाए और सुप्रीम कोर्ट से राहत दिलवाए। 2500 एकड़ हमारा पहाड़ है उसको 1972 से एमसीएफ में है उसमें मास्टर प्लान के हिसाब हमें अधिकार दिलवाए। जब समस्या का समाधान नहीं होगा धरना जारी रहेगा। सरकार को 30 दिन का समय दिया जाता है सरकार इन सारी मांगों को मान कर विधानसभा और लोकसभा में आर्डिनेस लाकर समस्या का समाधान करे , 30 दिन में समस्या का समाधान नहीं होता तो संघर्ष समिति इससे कठोर फैसले ले सकते हैं। इस अवसर पर प्रेमकृष्ण आर्य , अनंत राम तंवर, सहीराम पहलवान, परिक्षित, मनू बिधूडी, महाबल मिश्रा, वेदपाल लोहिया, मुनेन्द्र पहलवान, राजेन्द्र चपराना, नरेन्द्र सिंह लाडो सराय, धमेन्द्र प्रधान जी, संजय छोकर, जितेन्द्र चंदेलिया, सुमित गौड, रणबीर चंदीला, सतबीर पहलवान, कुंवर देवेन्द्र सिंह , आकाश गुर्जर,बलजीत कौशिक सहित हजारों लोगों ने महापंचायत का सर्मथन किया।