– वरिष्ठ पत्रकारों के वक्तव्य, भाषण एवं पोस्टर प्रतियोगिताओं में छात्रों ने दिखाई सृजनशीलता
– आम जनमानस और पीड़ित को जो न्याय दिला दे वही सच्ची पत्रकारिता: अभिताभ अग्निहोत्री
– डिजिटल युग में पत्रकारिता एवं कॅरिअर के क्षेत्र में अनंत संभावनाएं: अनिल पांडेय
– भारतीय प्रेस: इतिहास, संघर्ष और लोकतंत्र में पत्रकारिता की महत्वपूर्ण भूमिका: प्रो.पवन सिंह
फरीदाबाद। जे.सी.बोस विश्वविद्यालय के संचार एवं मीडिया प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा नेशनल प्रेस डे के उपलक्ष में ‘GENZ के दौर में मीडिया:अवसर एवं चुनौतियां’ विषय पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसके अंतर्गत भाषण, पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता और पत्रकारिता सम्बंधित विस्तृत चर्चा में देश के प्रसिद्ध पत्रकार टीवी 9 भारतवर्ष के कंसल्टिंग एडिटर एवं वरिष्ठ पत्रकार अमिताभ अग्निहोत्री और इंडिया फॉर चिल्ड्रन डायरेक्टर अनिल पांडेय शामिल हुए। कार्यक्रम में विजेता प्रतिभागियों को ट्रॉफी देकर पुरस्कृत किया गया।
विभागाध्यक्ष प्रो. पवन सिंह ने ख्यातिप्राप्त पत्रकार अमिताभ अग्निहोत्री और अनिल पांडेय को सैपलिंग, पुस्तक एवं स्मृतिचिन्ह भेंट कर स्वागत किया। उन्होंने अपने स्वागत भाषण में दोनों पत्रकारों के लंबे अनुभव के बारे में जानकारी देते हुए मीडिया विद्यार्थियों को प्रेरित किया। उन्होंने नेशनल प्रेस डे की शुभकामनाएं देते हुए भारतीय प्रेस के इतिहास, उसके संघर्षों और लोकतंत्र की रक्षा में पत्रकारिता की अनिवार्य भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रेस सदैव समाज का दर्पण और प्रहरी रहा है। उन्होंने विद्यार्थियों को निष्पक्ष, साहसी और जिम्मेदार पत्रकारिता की प्रेरणा दी।
कार्यक्रम में “गलत सूचना और डीपफेक के खिलाफ लड़ाई और तथ्य-जांच को मजबूत करना 2025 का आदर्श वाक्य है। विषय पर आयोजित पोस्टर मेकिंग एवं भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया। जिसमें 30 से अधिक प्रतिभागी शामिल रहे। निर्णायक मंडल में प्रो. पवन सिंह, डॉ. सोमवीर, डॉ. अमन जोशी एवं डॉ. मानवी, डॉ. रेणुका गुप्ता, डॉ. सोनिया हुड्डा ने विद्यार्थियों की अभिव्यक्ति, विषय की समझ और प्रस्तुति की सराहना करते हुए प्रतियोगिता का परिणाम निर्धारित किया। जिसमें पोस्टर प्रतियोगिता विजेता के विजेताओं में प्रथम मान्या, द्वितीय हार्दिक और तृतीय स्थान पर शुभम रहे। भाषण प्रतियोगिता के विजेताओं में प्रथम अदिति सिंह, द्वितीय कनिष्का खंडूरी और तृतीय स्थान पर आस्था तिवारी रही।
कार्यक्रम में टीवी 9 भारतवर्ष के कंसल्टिंग एडिटर एवं वरिष्ठ पत्रकार अमिताभ अग्निहोत्री ने अपनी चिरपरिचित अंदाज में कहा ‘तू कहता कागद की लेखी, मैं कहता आँखिन की देखी।’ वीडियो वायरल होने से पॉपुलर हो सकते हो लेकिन सम्मानित नहीं। पत्रकारिता सम्मान का पेशा है। आम जनमानस और पीड़ित को जो न्याय दिला दे वही सच्ची पत्रकारिता है। उन्होंने बताया पत्रकारिता क्या और क्यों जरूरी है। उन्होंने जेंनजी को सचेत करते हुए कहा कि टेक्नोलॉजी के चलते कंटेंट बनाना आज आसान हो गया है, परंतु पत्रकारिता केवल कंटेंट बनाना नहीं, बल्कि संघर्ष, धैर्य, जमीनी जुड़ाव और सत्यनिष्ठा की कला है। उन्होंने बताया कि एआई से आगे निकलने का रास्ता मौलिकता से ही निकलेगा। उन्होंने जेपी आंदोलन के दौरान फैली फेक न्यूज़ का उदाहरण देते हुए बताया कि एक गलत खबर कैसे समाज और भावनाओं को प्रभावित कर देती है।
इंडिया फॉर चिल्ड्रन डायरेक्टर अनिल पांडेय ने अपने संबोधन में कहा कि डिजिटल युग में पत्रकारिता एवं करियर के क्षेत्र में अनंत संभावनाएं है। वर्तमान में ‘GENZ मीडिया क्षेत्र में एक नई चुनौती के रूप में उभर रहा है। जो नेम,फेम और मनी सब कुछ उपलब्ध करा रहा है। वहीं पत्रकारकारिता जज्बा, जूनून का पेशा है। वर्तमान पीढ़ी वायरल न्यूज़ क्रिएटर, कंटेंट क्रिएटर बनकर एक स्वर्णिम दौर की पीढ़ी है।
समारोह के अंत में विभागाध्यक्ष प्रो. पवन सिंह ने वरिष्ठ पत्रकार अमिताभ अग्निहोत्री और इंडिया फॉर चिल्ड्रन डायरेक्टर अनिल पांडेय को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। मंच संचालन सौरभ शुक्ला और साहिल कौशिक ने धन्यवाद व्यक्त किया। राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम विधिवत संपन्न हुआ।






