फरीदाबाद । ईश्वर ने मनुष्य को अपनी सर्वोत्तम कला के रूप में रचा है। सोचने-समझने की शक्ति, सृजन की क्षमता और संवेदनाओं से भरा यह शरीर, जब सड़क पर एक छोटी-सी लापरवाही का शिकार होता है, तो वही श्रेष्ठ कृति कुछ ही सेकंड में एक भयावह दुर्घटना में बदल जाती है। आज सड़क हादसे केवल आँकड़े नहीं हैं, बल्कि असमय बुझते सपने हैं—खासतौर पर युवाओं के, जो देश का भविष्य हैं।
देशभर में लगातार अपीलें की गईं, कानून बने, प्रवर्तन एजेंसियों ने चालान काटे, जागरूकता अभियान चले—फिर भी सच्चाई यह है कि एक बार हुआ नुकसान, हमेशा के लिए नुकसान ही रहता है। हर दिन सड़कें युवाओं की जान ले रही हैं। कोई तेज़ रफ्तार का शिकार है, कोई गलत पार्किंग का, तो कोई नियमों की अनदेखी का।
इसी गंभीर पृष्ठभूमि में अंकुर शरण, जो आर्ट निर्भर भारत के माध्यम से भारत की कला और कारीगरों को सशक्त करने के मिशन के लिए जाने जाते हैं, अब सड़क सुरक्षा को एक नई और गहराई से छूने वाली दिशा दे रहे हैं। उनका मानना है कि कानून के साथ-साथ संवेदना और रचनात्मकता से निकला संदेश अधिक प्रभावी होता है।
आर्ट निर्भर भारत, विभिन्न इकोसिस्टम पार्टनर्स के सहयोग से, सड़क सुरक्षा पर आधारित कुछ विशेष रचनात्मक पहल लेकर आ रहा है—जहाँ कला के माध्यम से युवाओं और समाज को यह समझाया जाएगा कि एक गलती केवल आपके जीवन को ही नहीं, बल्कि कई परिवारों को तबाह कर देती है। चित्रकला, पोस्टर, कविता, संगीत और अन्य रचनात्मक माध्यमों से दिए गए गहरे संदेश न केवल लोगों को सोचने पर मजबूर करेंगे, बल्कि व्यवहार में बदलाव की प्रेरणा भी देंगे।
इन पहलों के अंतर्गत सर्वश्रेष्ठ और सबसे प्रभावशाली रचनाओं को संबंधित प्राधिकरणों द्वारा सम्मानित और पुरस्कृत भी किया जाएगा, ताकि युवाओं की सकारात्मक ऊर्जा सही दिशा में लगे और वे स्वयं सड़क सुरक्षा के संदेशवाहक बनें।
अंकुर शरण इससे पहले भी कई सामाजिक और सड़क सुरक्षा अभियानों में अपनी प्रभावी भूमिका निभा चुके हैं। उनका स्पष्ट संदेश है—
“जिंदगी कोई रिहर्सल नहीं है। सड़क पर लिया गया एक गलत फैसला, आपकी पूरी कहानी को अधूरा छोड़ सकता है।”
आज आवश्यकता है कि हम केवल खबर पढ़कर आगे न बढ़ें, बल्कि खुद से सवाल करें—क्या हम नियमों का पालन कर रहे हैं? क्या हम अपने बच्चों और युवाओं को सही उदाहरण दे रहे हैं?
क्योंकि सड़क पर बची हुई हर एक ज़िंदगी, देश की सबसे बड़ी उपलब्धि है।
अंकुर शरण एक समर्पित रोड सेफ्टी एक्सपर्ट, सामाजिक चिंतक और जागरूकता अभियानकर्ता हैं, जो पिछले कई वर्षों से सड़क सुरक्षा को केवल नियमों तक सीमित न रखकर उसे व्यवहार, संस्कार और संवेदनशीलता से जोड़ने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने सड़क दुर्घटनाओं के बढ़ते मामलों, विशेषकर युवाओं की असमय मृत्यु, को एक राष्ट्रीय चिंता के रूप में उठाया है।
वे Art Nirbhar Bharat के माध्यम से सड़क सुरक्षा को कला, रचनात्मकता और जनभागीदारी से जोड़ते हुए एक अनूठा मॉडल प्रस्तुत कर रहे हैं, जहाँ संदेश डर से नहीं बल्कि समझ और जिम्मेदारी से दिया जाता है। विभिन्न इकोसिस्टम पार्टनर्स और संबंधित प्राधिकरणों के साथ मिलकर उन्होंने कई प्रभावशाली जागरूकता अभियानों की रूपरेखा तैयार की है।







