फरीदाबाद, 11 नवंबर। निमोनिया दिवस के मौके पर ग्रेटर फरीदाबाद, सेक्टर-86 स्थित एकॉर्ड अस्पताल में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रभात कुमार ने अभिभावकों को जागरूक करते हुए कहा कि बदलते मौसम में बच्चों में निमोनिया का खतरा काफी बढ़ जाता है। यह एक गंभीर श्वसन रोग है, जो समय रहते इलाज न मिलने पर जानलेवा साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि खासकर शिशुओं और पांच साल तक के छोटे बच्चों में यह संक्रमण तेजी से फैलता है, इसलिए सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव है।
डॉ. प्रभात कुमार ने बताया कि निमोनिया फेफड़ों में संक्रमण के कारण होता है, जिससे शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाने की क्षमता प्रभावित होती है। इसके प्रमुख लक्षणों में तेज बुखार, खांसी, सांस लेने में परेशानी, छाती में दर्द, खाने-पीने में कमी, बच्चों में सुस्ती और तेजी-तेजी से सांस चलना शामिल है। अगर बच्चे की नाक लगातार जाम रहे या नीलेपन जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें, देर करना खतरनाक हो सकता है।
उन्होंने कहा कि छोटे बच्चों और बुजुर्गों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, इसलिए उन्हें विशेष ध्यान की आवश्यकता होती है। भ्रूण एवं नवजात अवस्था में संक्रमण का जोखिम अधिक रहता है। बच्चों को सर्दी-खांसी से बचाव के लिए मौसम के अनुसार कपड़े पहनाएं, साफ-सफाई का ध्यान रखें, घर में धूल-धुआं न हो और बच्चे को धूप जरूर दिलाएं। स्तनपान कराने वाली मांएं बच्चे को छह महीने तक एक्सक्लूसिव ब्रेस्ट-फीड दें, इससे प्रतिरक्षा मजबूत होती है।
डॉ. प्रभात ने बताया कि टीकाकरण निमोनिया से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका है। पंचसूत्रीय टीकाकरण कार्यक्रम के तहत पीसीवी वैक्सीन बच्चों को समय पर लगवाएं। साथ ही उन्होंने लोगों से अपील की कि किसी भी लक्षण पर लापरवाही न करें और तुरंत विशेषज्ञ की सलाह लें। नियमित मेडिकल चेकअप और स्वस्थ खान-पान से निमोनिया का खतरा काफी हद तक कम किया जा सकता है।







