
नई दिल्ली, अगस्त | इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (इंडियन ऑयल) पानीपत रिफ़ाइनरी में सतत विमानन ईंधन (एसएएफ) के उत्पादन के लिए प्रतिष्ठित ISCC CORSIA प्रमाणन हासिल करने वाली देश की पहली कंपनी बन गई है। यह प्रमाण-पत्र, जो कि कमर्शियल एसएएफ उत्पादन के लिए एक पूर्व अपेक्षित है, एसएएफ के उत्पादन, प्रमाणन और वितरण के लिए भारत की क्षमता में एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक है।
नई दिल्ली में आयोजित एक विशेष समारोह में इस उपलब्धि का जश्न मनाया गया, जिसमें मेसर्स कोटेकना ने इंडियन ऑयल के अध्यक्ष श्री ए.एस. साहनी को औपचारिक रूप से यह प्रमाण-पत्र प्रदान किया। इस अवसर पर पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय (एमओपी एंड एनजी) के संयुक्त सचिव श्री रोहित माथुर और डीजीसीए के संयुक्त महानिदेशक श्री मनीष कुमार भी उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय, नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) और राष्ट्रीय प्रमाणन निकाय प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीसीबी) के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
इस उपलब्धि की सराहना करते हुए, इंडियन ऑयल के अध्यक्ष, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के संयुक्त सचिव, डीजीसीए के संयुक्त महानिदेशक, एनएबीसीबी के वरिष्ठ निदेशक ने पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय, डीजीसीए, एनएबीसीबी, नागर विमानन मंत्रालय (एमओसीए) और अंतर्राष्ट्रीय प्रमाणन एजेंसी कोटेकना के समन्वित प्रयासों की प्रशंसा की, जिनसे भारत के नियामक और उत्पादन ढांचे को ग्रीन एविएशन में अंतर्राष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं के साथ संरेखित करने में मदद मिली है।
अंतर्राष्ट्रीय नागर विमानन संगठन (आईसीएओ) द्वारा अंतर्राष्ट्रीय विमानन के लिए कार्बन ऑफसेटिंग और न्यूनीकरण योजना (CORSIA) के अंतर्गत विकसित ISCC CORSIA प्रमाणन, अर्थात अंतर्राष्ट्रीय स्थिरता और कार्बन प्रमाणन (ISCC), यह प्रमाणित करता है कि एसएएफ उच्चतम अंतर्राष्ट्रीय स्थिरता और जीवनचक्र कार्बन उत्सर्जन मानकों को पूरा करता है। इंडियन ऑयल की पानीपत रिफाइनरी में उत्पादित एसएएफ का जीवनचक्र कार्बन उत्सर्जन और ट्रेसेबिलिटी के लिए कड़े मूल्यांकन से गुजरता है, जिससे भारतीय एयरलाइन्स के लिए अपने परिचालन में प्रमाणित एसएएफ को एकीकृत करने का एक स्पष्ट मार्ग प्रशस्त हुआ है। यह प्रमाणन अन्य घरेलू रिफाइनरियों और उद्योग जगत के दिग्गजों के लिए एसएएफ उत्पादन बढ़ाने हेतु एक मानक भी स्थापित करता है, जो 2070 तक नेट-जीरो उत्सर्जन हासिल करने के सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
इस मान्यता के साथ, इंडियन ऑयल ने एक बार फिर भारत के एनर्जी ट्रांजीशन में अग्रणी तौर पर अपनी भूमिका की पुष्टि की है, जिससे भारत एक हरित, स्वच्छ विमानन के भविष्य के निकट पहुंच गया है।