
श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के साथ समझौता करेगी जापान की दिग्गज कंपनी एनएमटी और मसायुमे एडुटेक एलएलपी
कैंसर पीड़ितों की भौहें, पलकें उड़ने और हादसों के निशान छिपा कर आत्मविश्वास लौटाएगी परमानेंट मेकअप तकनीक
पलवल। कल्पना कीजिए, एक ऐसी दुनिया जहां कैंसर से जूझ रहे मरीजों की मुस्कान फिर से खिल उठे और दुर्घटना के निशानों को छिपाकर आत्मविश्वास की नई उड़ान भरी जाए! यह हसरत अब हकीकत बनने वाली है और इस महत्वाकांक्षी पहल का सूत्रधार बनेगा श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय। जापान की दिग्गज कंपनी एनएमटी और मसायुमे एडुटेक एलएलपी के साथ एक ऐतिहासिक समझौता करने की दिशा में श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय ने कदम बढ़ा दिया है। यह साझेदारी न केवल कौशल विकास की नई इबारत लिखेगी, बल्कि सामाजिक बदलाव की एक मिसाल भी बनेगी। एनएमटी की निदेशक एमी त्सुचिया, मेडीब्यूटी ग्लोबल के विनोद सिंह परिहार और मसायुमे एजुटेक एलएलपी के संस्थापक निदेशक जयकांत सिंह ने श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के साथ भागीदारी के उद्देश्य से कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार के साथ बैठक की है। उन्होंने बताया कि दोनों संस्थाओं के बीच कई महत्वपूर्ण सहमति बनी हैं। इसके अंतर्गत चिकित्सकों को यह परमानेंट मेकअप तकनीक सिखाने के लिए श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय प्रशिक्षण प्रोग्राम चलाएगा। युवाओं के लिए भी शार्ट टर्म प्रोग्राम शुरू किए जाएंगे। कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने कहा कि शीघ्र ही इसे क्रियान्वित कर ऐसे लोगों का आत्मविश्वास लौटाने की दिशा में काम करेंगे, जिनके चेहरे कैंसर के इलाज के दौरान किसी रूप में विकृत हो गए हैं। बहुत से मरीजों की भौहें चली गई हैं अथवा पलकों के बाल उड़ गए हैं। किसी न किसी दुर्घटना के कारण भी शरीर पर ऐसे निशान आ जाते हैं, जिनकी वजह से व्यक्ति का आत्मविश्वास प्रभावित होता है। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय जापानी कंपनी के साथ एमओयू करके गुरुग्राम कैंपस से शॉर्ट टर्म प्रोग्राम शुरू करेगी। इससे परमानेंट मेकअप की जापानी तकनीक का लोग फायदा उठा सकेंगे। कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने जापानी कंपनी की इस पहल का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि एनएमटी जापान और मसायुमे के साथ यह गठजोड़ न केवल तकनीकी उन्नति लाएगा, बल्कि उन लोगों की जिंदगी रोशन करेगा जो आत्मविश्वास की तलाश में हैं।
एनएमटी की निदेशक एमी त्सुचिया ने कहा हम भारतीय युवाओं को परमानेंट मेकअप की यह तकनीक सिखाने को लेकर उत्सुक हैं। इससे कैंसर पीड़ित मरीजों और दुर्घटनाओं में चोटिल हुए लोगों को अपना खोया हुआ स्वरूप पाने में मदद मिलेगी। नॉन-सर्जिकल तरीकों से होंठों की मरम्मत, कैंसर से बालों का झड़ना या अंगों का खराब होना, इन सबको इस तकनीक से छिपाकर मरीजों का आत्मसम्मान बहाल करने में सफलता मिलेगी। दुर्घटना के निशान या कैंसर के दागों को मिटाकर, यह ट्रेनिंग मरीजों की भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक चिकित्सा में मदद करेगी। इससे चिकित्सा और सौंदर्य उद्योग को नई ऊंचाई पर ले जाने के रस्ते खुलेंगे। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के अकादमिक अधिष्ठाता प्रोफेसर विक्रम सिंह ने बताया कि गुरुग्राम कैंपस से यह प्रोग्राम शुरू होगा। समझौता ज्ञापन की औपचारिकता पूरी होने के बाद इस प्रोजेक्ट पर तीव्रता से कार्य होगा। डायरेक्टर, इंडस्ट्री रिलेशन्स एन्ड एलुमनी अफेयर्स चंचल भारद्वाज ने कहा कि यह जापानी तकनीक के प्रशिक्षण का प्रोग्राम क्रांतिकारी कदम साबित होगा। इसके अतिरिक्त एल्डर केयर के विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम पर भी विचार किया जा रहा है। जापान से एल्डर केयर के क्षेत्र में काफी मांग आ रही है। इससे युवाओं के लिए रोजगार के रास्ते खुलेंगे। एनएमटी की भारतीय साझेदार के रूप में मसायुमे ट्रेनिंग और कौशल विकास को लेकर श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के साथ समन्वय का जिम्मा संभालेगी। अनुप्रयुक्त विज्ञान एवं मानविकी कौशल संकाय के अधिष्ठाता प्रोफेसर आर एस राठौड़ ने कहा कि इस साझेदारी से युवाओं के लिए रोजगार के नए द्वार खुलेंगे।