
( 90 दिवसीय राष्ट्रव्यापी अभियान)
फरीदाबाद, जुलाई | राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) एवं माननीय उच्चतम न्यायालय की मध्यस्थता एवं सुलह परियोजना समिति के निर्देशानुसार जिला न्यायालय परिसर, फरीदाबाद में “राष्ट्र के लिए मध्यस्थता – अभियान” का शुभारंभ किया गया। यह अभियान माननीय भारत के प्रधान न्यायाधीश एवं न्यायमूर्ति सूर्यकांत, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश तथा कार्यकारी अध्यक्ष, राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के मार्गदर्शन में देशभर में एक संगठित, सघन और संवेदनशील प्रयास के रूप में प्रारंभ किया गया है।
यह अभियान एक 90 दिवसीय विशेष पहल है जिसका मुख्य उद्देश्य है— न्यायिक प्रक्रिया में लंबित मामलों को आपसी संवाद, समझ और समाधान के माध्यम से मध्यस्थता द्वारा शीघ्रता से निपटाना, ताकि आमजन को त्वरित, सुलभ एवं संतोषजनक न्याय मिल सके।
शुभारंभ अवसर पर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी श्रीमती रितु यादव ने कहा:
> “यह अभियान मात्र एक कानूनी औपचारिकता नहीं, बल्कि न्याय प्रणाली को मानवीय बनाने का एक समर्पित प्रयास है। इसका मूल मंत्र है – झगड़ा खत्म हो, रिश्ते बचें और न्याय शीघ्र सब तक पहुंचे। मध्यस्थता न केवल विवादों का समाधान करती है, बल्कि वह सामाजिक समरसता एवं सामंजस्य को भी सशक्त करती है।”
उन्होंने बताया कि इस अभियान के तहत विशेष रूप से ऐसे मामलों की पहचान की जाएगी जो आपसी सहमति से हल हो सकते हैं। इन मामलों को प्रशिक्षित और मान्यता प्राप्त मध्यस्थों को सौंपा जाएगा। पक्षकारों को विधिक जागरूकता एवं संवाद के माध्यम से समाधान हेतु प्रेरित किया जाएगा।
इस अभियान के अंतर्गत निम्नलिखित मामलों को प्राथमिकता दी जाएगी:
वैवाहिक एवं पारिवारिक विवाद (तलाक, भरण-पोषण, पारिवारिक संपत्ति बंटवारा आदि)
संपत्ति विवाद (बंटवारे, अधिकार, स्वामित्व आदि से जुड़े मामले)
मोटर वाहन दुर्घटना क्षतिपूर्ति दावे (MACT)
चेक बाउंस मामलों (धारा 138 एनआई एक्ट)
किरायेदारी विवाद
सेवा से संबंधित रिटायरमेंट लाभ या पेंशन विवाद
उपभोक्ता विवाद (गुणवत्ता, सेवा, डिलीवरी इत्यादि से संबंधित)
अन्य दीवानी व समझौता योग्य आपराधिक मामले
1. न्यायालयों से मामलों की पहचान की जाएगी जो मध्यस्थता योग्य हैं।
2. संबंधित पक्षकारों को सूचित कर सहमति प्राप्त की जाएगी।
3. योग्य मध्यस्थों को मामलों का संदर्भ दिया जाएगा।
4. सुनियोजित मध्यस्थता सत्र आयोजित कर पक्षकारों को समाधान हेतु प्रेरित किया जाएगा।
5. आपसी सहमति से हुए समझौते को विधिक वैधता प्रदान की जाएगी।
कार्यक्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव, न्यायिक अधिकारीगण, अधिवक्तागण, पैनल अधिवक्ता, मध्यस्थ (मेडिएटर्स) तथा पक्षकारगण बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
सभी उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों ने इस अभियान की सराहना करते हुए इसे न केवल न्यायिक प्रक्रिया को सुगम बनाने वाला, बल्कि समाज में संवाद एवं विश्वास की भावना को सशक्त करने वाला कदम बताया।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, फरीदाबाद इस अभियान को गंभीरता एवं प्रतिबद्धता से संचालित करेगा तथा सुनिश्चित करेगा कि अधिकतम विवाद मध्यस्थता के शांतिपूर्ण मार्ग से सुलझाए जाएं और न्याय प्रत्येक व्यक्ति तक शीघ्र पहुंचे।