हरियाणा में कानून व्यवस्था ठप, सरकार अपराध रोकने में नाकाम: कुमारी सैलजा

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महिलाएं न घर में सुरक्षित और न ही घर के बाहर, नशा बना हुआ है अपराधों की जननी

चंडीगढ़, 25 फरवरी। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ठप हो चुकी है, सरकार अपराधों में अंकुश लगाने में नाकाम रही है, हत्या, लूटपाट, डकैती, रंगदारी, बलात्कार, बलात्कार का प्रयास और छेड़छाड़ की वारदातें बढ़ रही है। नशा अपराधों को बढ़ा रहा है ऐसे में सरकार नशा भी नहीं रोक पाई है। सरकार को कानून व्यवस्था में सुधार की दिशा में जल्द से जल्द कदम उठाना चाहिए।

मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा है कि चुनाव से पहले भी कांग्रेस ने कानून व्यवस्था को लेकर आवाज उठाई थी तब भी सरकार ने अपराधों में अंकुश लगाने की बात कही थी पर सरकार की नीयत में कोई बदलाव नहीं दिखाई दिया है, कल भी कानून व्यवस्था ठप थी और आज तो इसका जनाजा ही निकला हुआ है। प्रदेश में अपराधियों का बोलबाला है ऐसा लग रहा है कि प्रदेश में जंगलराज कायम है। रोजाना हत्याएं हो रही है, जाने से मारने का प्रयास किया जा रहा है, महिलाओं से दुष्कर्म और छेडछाड़ की घटनाएं बढ़ रही है। लूटपाट, डकैती और रंगदारी की वारदातें थमने का नाम नहीं ले रही है। महिलाएं और बच्चियां न घर में और न ही घर के बाहर सुरक्षित है। कुमारी सैलजा ने कहा कि प्रदेश में नशा विकराल रूप धारण करता जा रहा है और नशे के कारण ही अपराध होते है यानि नशा ही अपराधों की जननी है ऐेसे में सरकार को नशा खत्म करने की दिशा में भी काम करना होगा। लोगों को सुरक्षा देने की जिम्मेदारी सरकार की है और सरकार अपनी इस जिम्मेदारी से भाग नहीं सकती।

कुमारी सैलजा ने कहा कि महिला सुरक्षा को लेकर प्रदेश भर से आवाज उठती है पर कोई सुनवाई नहीं होती। वर्ष 2024 के आंकड़े बताते है कि महिलाएं कितनी सुरक्षित थी, प्रदेश में 1431 वारदातें दुष्कर्म की और इतनी ही वारदातें छेडछाड़ की हुई यानि प्रदेश में रोजाना चार महिलाएं दुष्कर्म की शिकार हुई और इतनी ही महिलाओं के साथ छेडछाड़ की गई। इस साल में 112 दुष्कर्म के केस दर्ज हुए। बावजूद इसके सरकार दावा करती आ रही है कि अपराधों में कमी आई है। प्रदेश में करीब दो हजार ऐसे स्थान यानि हॉट स्पाट है जहां पर महिलाओं के साथ अपराध की संभावना ज्यादा होती है साथ ही प्रदेश में 443 ऐसे रूट है जो महिलाओं को लेकर संवेदनशील है। प्रदेश सरकार को कानून व्यवस्था में सुधार करना चाहिए ताकि किसी प्रकार का भय न हो और आम व्यक्ति स्वयं को सुरक्षित महसूस करता रहे।

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