
चंडीगढ़, 14 फरवरी। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा है कि अगर हरियाणा सरकार रोजगार की ओर ध्यान दे तो उसे मुफ्त की रेवड़ी बांटने की जरूरत नहीं है, सब कुछ मुफ्त दिया जाता रहा तो लोगों में काम करने की इच्छा नहीं होगी। सर्वोच्च न्यायालय की ओर से इसे लेकर जो टिप्पणी की गई है वह स्वागत योग्य है।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा है कि चुनाव के समय भाजपा लोगों रोजगार देने की बात करती है साथ ही मुफ्त की रेवडियां बांटनी शुरू कर देती है। मुफ्त वाली योजनाओं के चलते लोग काम नहीं करना चाहते। सरकार को सबसे पहले रोजगार उपलब्ध करवाने की दिशा में कदम उठाना चाहिए, समाज का अगर कोई व्यक्ति बहुत ही कमजोर है तो उसकी मदद की जा सकती है। सरकार को ऐसी योजनाएं तैयार करनी चाहिए कि उसका सीधा लाभ पात्र व्यक्ति को मिले।
कुमारी सैलजा ने कहा कि चुनाव से पहले हरियाणा में 70 प्रतिशत लोग बीपीएल श्रेणी में आ गए यानि इन परिवारों को वे सारी सुविधाएं दी जा रही थी जो एक बीपीएल परिवार को मिलती है और इनमें अधिक तर परिवार ऐसे थे जो इस श्रेणी के लिए पात्र ही नहीं है। अब सरकार की ओर से आंकडे पेश किए गए कि एक माह में 23 हजार परिवार बीपीएल श्रेणी से निकलकर अमीर श्रेणी में शामिल हो गए, एक माह में ऐसा क्या हुआ कि 23 हजार परिवार अमीर हो गए। निर्धन परिवारों को समाज की मुख्यधारा में शामिल करने के लिए सरकारी योजनाओं का लाभ देकर उन्हें सक्षम बनाया जा सकता है ताकि वे भी देश के विकास में योगदान दे सकें।
कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकार के पास रोजगार है पर उसे बेरोजगारी दिखाई नहीं दे रही है, सरकारी विभागों में करीब दो लाख पद खाली पड़े है सरकार इन पदों पर नियुुक्तियां कर युवाओं को रोजगार देकर उन्हें भटकने से रोक सकती है। बेरोजगारी अनेक समस्याएं पैदा करती है, रोजगार मिलेगा तो परिवारों की आर्थिक स्थिति भी सुधरेगी। हरियाणा सरकार को सबसे पहले रोजगार देने की ओर ध्यान देना होगा।