
-एसडीएम ज्योति ने ली सडक़ सुरक्षा व सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी की बैठक
–सड़क सुरक्षा बैठक के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करें सभी विभागाध्यक्ष
-यातायात और स्कूल बसों की सुरक्षा व्यवस्था में लापरवाही नहीं की जाएगी सहन
पलवल, 29 जुलाई। एसडीएम पलवल ज्योति ने मंगलवार को जिला सचिवालय स्थित सभागार में सडक़ सुरक्षा और सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी से संबंधित कमेटी की बैठक लेते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में आईआईटी मद्रास की ओर से विशेषज्ञ नाईडिया वीसी के माध्यम से जुड़ी और प्रजेंटेशन के माध्यम से सडक़ दुघर्टनाओं पर अंकुश लगाने के उपायों सहित मोबाइल एप ‘संजय’ व अन्य विषयों पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह ऐप आईआईटी मद्रास के सेंटर आफ एक्सीलेंस फार रोड सेफ्टी की ओर से तैयार किया गया है। ‘संजय’ एप सडक़ हादसों की रोकथाम में सरकारी एजेंसियों और आपातकालीन चिकित्सा के ढांचे की सहायता करेगा। यही नहीं, इस ऐप के माध्यम से पुलिस और ट्रैफिक विभागों के साथ ही अस्पताल और ट्रामा सेंटर यह समझ सकेंगे कि उन्हें सडक़ हादसों को रोकने के लिए किसी खास जगह पर क्या इंतजाम करने हैं। यह एप सडक़ों पर पहले से मौजूद जोखिम वाले स्थलों यानि ब्लैक स्पॉट और भविष्य में सडक़ सुरक्षा के लिए खतरा बनने की आशंका वाले स्थानों का डाटा आधारित विश्लेषण करने में सक्षम है।
सडक़ हादसे रोकने में जिला प्रशासन का सहयोगी बनेगा मोबाइल एप्लीकेशन ‘संजय’ : एसडीएम
एसडीएम ने कहा कि मोबाइल एप ’संजय’ सडक़ हादसों को रोकने में जिला प्रशासन का सहयोगी बनेगा। उन्होंने सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि वे मोबाइल एप ‘संजय’ पर रजिस्टर करने के लिए संबंधित व्यक्ति का विवरण उपलब्ध करवाएं। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को एप की कार्यप्रणाली को समझते हुए सडक़ सुरक्षा के क्षेत्र में कार्य करने के निर्देश दिए। इस एप की पूरी जिम्मेदारी पुलिस व आरटीओ पर रहेगी। किसी भी सडक़ पर दुर्घटना के बाद मोबाइल एप्लीकेशन में पूरी डिटेल फीड करनी होगी। दुर्घटना का समय, तारीख, लोकेशन, एक्सीडेंट वाली गाडिय़ों की डिटेल और नुकसान समेत कई अन्य जानकारी देनी होंगी। एप पर दुर्घटना के फोटो और वीडियो भी भेजने होंगे। एप के जरिये डाटा आईआईटी मद्रास पहुंचेगा। इसके बाद दुर्घटना वाली सडक़ और जगह का विश्लेषण किया जाएगा। सडक़ पर यदि कोई खामियां पाई गईं तो उसे सुधारने के सुझाव दिए जाएंगे।
सडक़ सुरक्षा नियमों को सख्ती से लागू किया जाए :
एसडीएम ज्योति ने कहा कि शहर की जिन भी सडक़ों पर गड्ढे हैं या सडक़ क्षतिग्रस्त है, उन स्थानों का त्वरित निरीक्षण कर संबंधित विभाग उन्हें शीघ्र अति शीघ्र दुरुस्त करने की कार्यवाही करें। जिन स्थानों पर पूर्व में दुर्घटनाएं हुई हैं, उन्हें चिह्नित कर वहां आवश्यक सुधारात्मक कार्य जैसे साइन बोर्ड, रिफ्लेक्टर, स्पीड ब्रेकर आदि लगाए जाएं ताकि भविष्य में दुर्घटनाओं को रोका जा सके। उन्होंने कहा कि सभी मुख्य मार्गों और हाईवे पर उचित स्थानों पर साइन बोर्ड, रिफ्लेक्टिव चिन्ह, और ट्रैफिक लाइट्स की उपलब्धता और कार्यशीलता सुनिश्चित की जाएगी। किसी भी जगह ट्रैफिक लाइट खराब हो, तो उसकी मरम्मत प्राथमिकता से करवाई जाए। उन्होंने बताया कि सभी अवैध कटों को बंद किया जाए।
स्कूल बसों की सुरक्षा व्यवस्था में लापरवाही नहीं होगी बर्दाश्त नहीं :
एसडीएम ज्योति ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जिला प्रशासन द्वारा स्कूली बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए स्कूल बसों की निगरानी और सुरक्षा व्यवस्था को सख्त किया जाए। प्रत्येक स्कूल बस के ड्राइवर और कंडक्टर का पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य रूप से कराया जाए। बिना वेरिफिकेशन के किसी भी व्यक्ति को बस संचालन की अनुमति नहीं दी जाएगी। प्रत्येक निजी स्कूल को यह जानकारी देनी होगी कि उनके पास कुल कितनी बसें हैं, और प्रत्येक बस के ड्राइवर एवं कंडक्टर का शपथ पत्र (एफिडेविट) प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। साथ ही निजी स्कूलों से यह सुनिश्चित कराएं कि उनके स्कूल वाहनों का पंजीकरण प्रमाणपत्र समय पर अपडेट हो, ड्राइवरों के पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस हो तथा उनकी आंखों की जांच (कैटरेक्ट टेस्ट) करवाई जाए।
निर्धारित मानकों अनुसार स्कूलों के बाहर बनाए जाएं स्पीड ब्रेकर :
एसडीएम ने निर्देश दिए कि सभी संबंधित अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि निर्धारित मानकों के अनुरूप स्कूलों के बहार स्पीड ब्रेकर बनाए जाएं और उनके पास उचित साइन बोर्ड भी लगाए जाएं। उन्होंने शिक्षा विभाग को निर्देश दिए के समय-समय पर छात्रों को सडक़ सुरक्षा के नियमों के प्रति जागरूक करें। इसके लिए विशेष कार्यशालाएं, जागरूकता शिविर और सेमिनार आयोजित करें। उन्होंने कहा कि स्कूल की छुट्टी के समय प्रधानाचार्य यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी कर्मचारी या अधिकारी की ड्यूटी सडक़ किनारे लगाई जाए ताकि बच्चे अनुशासन में रहें और सडक़ों पर भागें ना।
सचिव आरटीए जितेंद्र कुमार ने बैठक को संबोधित करते हुए निर्देश दिए कि सडक़ सुरक्षा नियमों की पालना करने के लिए जिस विभाग के अधिकारी और कर्मचारी को जो भी दायित्व दिया गया है वे उसे पूरी गंभीरता से निभाएं। उन्होंने कहा कि सडक़ सुरक्षा समिति वाहन चालकों के लिए सफर को सुगम और सुरक्षित बनाएं। सडक़ सुरक्षा को लेकर किसी भी स्तर पर कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने सभी विभागाध्यक्षों को निर्देश दिए कि वे सडक़ सुरक्षा से संबंधित बैठक के लिए अपने-अपने विभाग से संबंधित एक नोडल अधिकारी नियुक्त करें। बैठक में संबंधित विभागों के अधिकारीगण मौजूद रहे।