
धूम मचाई बरखा रानी ।
खूब जोर से बरसा पानी ।।
नाला – नाली बंद पड़े हैं ।
गली- गली में घुस गा पानी ।।
सड़कों का लेबल है कैसा ?
दोनों साइड भर गा पानी ।।
बीच राह में चले सवारी ।
मेरी राह में बहता पानी ।।
आजू – बाजू मोटर गाड़ी ।
चलते हमपे फेंका पानी ।।
देख बेमौसम बरसा पानी ।
हो गये हक्का – बक्का प्रानी।।
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* सुभाष श्रीवास्तव, दिल्ली