
नई दिल्ली । भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने श्रीमती रेखा गुप्ता को दिल्ली की नयी मुख्यमंत्री के रूप में आज चुन लिया। पार्टी ने दिल्ली में अभी कोई उपमुख्यमंत्री नहीं चुना है।
दिल्ली विधानसभा चुनावों में दो तिहाई बहुमत से विजयी हुई भाजपा दिल्ली प्रदेश मुख्यालय में हुई नवनिर्वाचित विधायक दल की बैठक में केन्द्रीय पर्यवेक्षक रविशंकर प्रसाद, ओमप्रकाश धनखड़ एवं चुनाव प्रभारी बैजयंत जय पांडा की मौजूदगी में श्रीमती रेखा गुप्ता को नेता चुना गया। आखिरकार दिल्ली को नया मुख्यमंत्री मिल गया है। बीजेपी विधायक दल की बैठक में रेखा गुप्ता के नाम पर मुहर लगी है। नई सरकार में सीएम की रेस में आगे चल रहे प्रवेश वर्मा उप-मुख्यमंत्री होंगे। वहीं रोहिणी से विधायक विजेंद्र गुप्ता दिल्ली विधानसभा के स्पीकर होंगे। रेखा गुप्ता और वर्मा वीरवार को साढ़े बारह बजे रामलीला मैदान में भव्य समारोह में शपथ लेंगे। उनके साथ मंत्रिमंडल का भी शपथ होगा। बीजेपी आलाकमान ने विधायक दल की बैठक के लिए वरिष्ठ नेता ओपी धनखड़ और रविशंकर प्रसाद को पर्यवेक्षक नियुक्त किया था।
नतीजों के 11 दिनों बाद सीएम का ऐलान
दिल्ली में बीजेपी ने 26 साल बाद बड़ी जीत हासिल की है। आठ फरवरी को आए नतीजे में बीजेपी को 70 में 48 सीटें मिली। नतीजों के 11 दिनों बाद सीएम के नाम का ऐलान हुआ है। देरी को लेकर विपक्षी आम आदमी पार्टी (आप) लगातार सवाल उठा रही थी।
चुनाव नतीजों के बाद से ही बीजेपी में सीएम के लिए कई नामों की चर्चा थी। सबसे अधिक बात प्रवेश वर्मा की हो रही थी। वर्मा ने नई दिल्ली सीट से आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को हराया है। वो पूर्व सीएम साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं।
कौन हैं बीजेपी नेता रेखा गुप्ता?
रेखा गुप्ता दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री होंगी। वहीं मौजूदा समय में देश की दूसरी महिला सीएम बन रही हैं। वो शालीमार बाग से विधायक हैं। उन्होंने आप नेता बंदना कुमारी को 29,595 वोटों से हराया है।
रेखा गुप्ता को 68,200 वोट मिले। वहीं आप नेता बंदना कुमारी को 38,605 वोट मिले। कांग्रेस के प्रवीण जैन को मात्र 4,892 वोट मिले।
रेखा गुप्ता बीजेपी महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं और हरियाणा के जींद की रहने वाली हैं। वो दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ की सचिव और अध्यक्ष रहीं। इसके साथ ही 2007 और 2012 में उत्तरी पीतमपुरा से पार्षद चुनी गईं। उन्हें पिछले दो विधानसभा चुनावों में हार का सामना करना पड़ा था।